भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था (India Fastest Growing Economy) बना हुआ है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार ने देश को विकसित राष्ट्र बनाने का टारगेट टॉप पर रखा है और इसके लिए 2047 तक की डेडलाइन तय की है. वहीं इस बीच हाल ही में आई वर्ल्ड बैंक (World Bank) की रिपोर्ट में इस लक्ष्य को पाने के बीच आने वाली चुनौतियों के बारे में जिक्र करते हुए बताया गया है कि आखिर देश कब तक ये इसे पा सकता है.
भारत को लग जाएंगे 75 साल!
विश्व बैंक की World Development Report 2024: The Middle Income Trap शीर्षक वाली एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन (China) समेत दुनिया के 100 से ज्यादा देशों को हाई इनकम वाले देश का दर्जा (High Income Status) पाने में अभी लंबा समय लग सकता है. रिपोर्ट की मानें तो भारत को अमेरिका की प्रति व्यक्ति आय के महज एक-चौथाई तक पहुंचने में ही 75 साल का समय लग सकता है. फिलहाल भारत की प्रति व्यक्ति आय 2200 डॉलर के आस-पास है, जबकि अमेरिका में ये करीब 37,000 डॉलर है.
चीन 10 साल में पा सकता है मुकाम
एक ओर जहां अमेरिका की प्रति व्यक्ति आय के एक चौथाई हिस्से तक पहुंचने में भारत को 75 साल का समय लग सकता है, तो वहीं वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, इंडोनेशिया को भी ये टारगेट हासिल करने में सात दशक का समय लग सकता है. इस बीच अगर बात ड्रैगन की करें, तो चीन भारत और इंडोनेशिया से बहुत पहले इस आंकड़े को छूने में कामयाब हो सकता है. विश्व बैंक का कहना है कि China इस टारगेट को 10 साल में ही पा सकता है.
दुनिया में हर 3 में से 2 लोग गरीबी के जाल में
World Bank की इस ताजा रिपोर्ट में साल 2023 के अंत में दुनिया के 108 देशों को मिडिल इनकम ग्रुप के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इनकी प्रति व्यक्ति सालाना जीडीपी 1,136 US Dollar से लेकर 13,845 डॉलर के बीच थी. इन देशों में 6 अरब लोग रहते हैं, जो वैश्विक आबादी का 75 फीसदी है. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, दुनिया में प्रत्येक तीन में से दो लोग अत्यधिक गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
भारत के सामने क्या है चुनौतियां?
विश्न बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बीते 50 सालों के अनुभव के आधार पर पाया है कि जैसे-जैसे देश अमीर होते जाते हैं, वे आम तौर पर सालाना US की प्रति व्यक्ति जीडीपी के लगभग 10 फीसदी के ‘जाल’ में फंस जाते हैं. ये 10 फीसदी की रकम फिलहाल करीब 8,000 डॉलर के बराबर हो जाती है. भारत की चुनौतियों के बारे में बताते हुए इसमें कहा गया है कि तेजी से बूढ़ी होती आबादी, बढ़ता कर्ज, भू-राजनीतिक और व्यापारिक तनाव के अलावा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना आर्थिक रूप से आगे बढ़ने में पेश आ रही कठिनाई इस राह में सबसे बड़ा रोड़ा है.
जाल से निकलने का बताय ये उपाय
अपनी रिपोर्ट में विश्व बैंक ने इस जाल से निकलने के लिए क्या उपाय जरूरी हैं, इसके बारे में भी बताया है. इसमें कहा गया है कि कई मिडिल इनकम ग्रुप वाले देश अभी भी पिछली सदी की रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं और प्रमुख रूप से निवेश को बढ़ाने पर जोर दिए जाने की नीतियों पर निर्भर हैं. जो कि बिल्कुल कार को पहले गियर में चलाने और उसे तेज चलाने की कोशिश करने जैसा ही है. World Bank ने कहा है कि इन देशों को ‘मिडिल इनकम ट्रैप’ से निकलने के लिए थ्री-आई (3i) पर फोकस करना चाहिए. ये तीन आई इन्वेस्टमेंट (Investment), इनोवेशन (Innovation) और नई तकनीक में इन्फ्यूजन (Infusion) हैं.