उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के परसिया गांव में एक शादी समारोह के दौरान कुर्सियों और सोफों पर लगाए जाने वाले कवर के रंग को लेकर शुरू हुआ मामूली विवाद एक दर्दनाक हत्याकांड में बदल गया. पुलिस ने 45 साल के टेंट बिजनेसमैन अजीत कुमार सिंह उर्फ बोधा की हत्या के आरोप में गुरुवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस हिरासत में तीनों से पूछताछ की जा रही है.
मृतक का नाम अजीत सिंह है. उसके चाचा राजकुमार सिंह ने 23 नवंबर को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका भतीजा मझौवा गांव में शादी का टेंट लगाने गया था. अगली सुबह करीब 4 बजे वो घर के लिए निकला, लेकिन वापस नहीं लौटा. परिवार को शक हुआ तो हल्दी थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई. पुलिस ने तलाश शुरू की, लेकिन कोई सुराग उनके हाथ नहीं लगा.
25 नवंबर की सुबह हुकुम छपरा घाट के पास गंगा में तैरती हुई एक मोटरसाइकिल दिखाई दी. उसके साथ एक शव बंधा हुआ था. पुलिस ने शव को बाहर निकाला. उसकी पहचान अजीत सिंह के रूप में हुई. परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा. पुलिस की शुरुआती जांच से ही साफ हो गया कि यह गुमशुदगी नहीं, बल्कि साजिश के तहत की गई हत्या थी. इसके पीछे कई लोग शामिल थे.
इसके बाद मृतक अजीत के भाई चंदन कुमार सिंह की शिकायत पर तीन लोगों पीयूष कुमार सिंह (43), अनीश कुमार सिंह (24) और अंकुर सिंह (22) के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया. अजीत ने जिस शादी में टेंट लगाया था, वहां रात करीब 1 बजे कुर्सी और सोफे के कवर के रंग को लेकर बहस हो गई, जो धीरे-धीरे विवाद में बदल गई.
आरोपियों ने मौके पर ही अजीत की पिटाई शुरू कर दी. मारपीट ने कुछ ही मिनटों में उसकी हत्या कर दी गई. इसके बाद तीनों ने मिलकर अजीत के शव को उसकी मोटरसाइकिल से बांधा और रात के अंधेरे में गंगा में फेंक दिया, ताकि अपराध छिपाया जा सके. लेकिन गंगा में मोटरसाइकिल तैरती मिली. उसी से बंधा शव बाहर आ गया. इसी सबूत ने पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया.
सर्किल ऑफिसर मोहम्मद फहीम कुरैशी ने बताया कि पुलिस लगातार दबिश दे रही थी. गुरुवार को तीनों आरोपियों को शांति नगर तिराहा के पास से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में उन्होंने हत्या की बात कबूल कर ली है. उनको अदालत में पेश किया गया, जहां से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इस वारदात ने पूरे बलिया जिले में दहशत फैला दी है.
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