नेता विपक्ष राहुल गांधी ने संसद में शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं से बुधवार को मुलाकात की. मुलाकात के बाद राहुल ने किसान नेताओं से बड़ा कमिटमेंट किया है. आखिर उन्होंने किसानों से क्या कमिटमेंट किया है? उनके साथ किसान नेताओं की क्या बात हुई? आपको इनसाइड स्टोरी बताते हैं.
एक तरफ, नेता विपक्ष राहुल गांधी के साथ किसान नेताओं की मुलाकात हुई. दूसरी तरफ देश की सबसे बडी अदालत में शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों को लेकर अहम सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने ऑर्डर दिया कि शंभू बॉर्डर पर यथास्थिती बनी रहेगी. सरकार को किसानों के साथ बातचीत कर समाधान निकालना होगा. यानी आंदोलन कर रहे किसानों की बात सरकार को सुननी पड़ेगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के मुद्दे पर क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा कि, “क्या आपने किसानों के साथ बातचीत करने के लिए कोई पहल की है? क्या आपने उनको भरोसे में लेने या उनका विश्वास जीतने की कोशिश की? अगर आप उनसे बात करने के लिए मंत्री भेजते हैं तो वो समझेंगे कि वो सरकार का पक्ष रख रहे हैं. आपके पास कुछ तटस्थ अंपायर क्यों नहीं हैं?” सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “विश्वास बहाली के उपाय करने होंगे.”
देश की सबसे बड़ी अदालत ने सरकार को यही समझाया कि किसानों का भरोसा जीतने का वक्त है. जिस वक्त कोर्ट की ये टिप्पणी आई, ठीक उसी वक्त राहुल गांधी और किसानों के बीच मीटिंग हुई. मीटिंग के बाद क्या निकला, किसान नेताओं और राहुल गांधी के बीच आखिर क्या बात हुई?
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राहुल गांधी से मुलाकात के बाद क्या बोले किसान?
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद किसानों ने बताया कि नेता विपक्ष ने उनकी बात सुनी. एमएसपी की गारंटी के मुद्दे पर भी बात हुई और इस बात पर भी चर्चा हुई कि वह किसानों का मुद्दा संसद में उठाएंगे. किसानों ने बताया कि राहुल गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह हरियाणा में किसानों को कथित रूप से गोली मारे जाने के मुद्दे को भी संसद में उठाएंगे और स्वतंत्र जांच की मांग करेंगे.
मसलन, राहुल गांधी ने खुल्लम-खुल्ला किसानों की मांग का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मेनिफेस्टो में एमएसपी पर कानूनी गारंटी का वादा किया गया है. कांग्रेस अपने कमिटमेंट को लेकर किसानों के साथ सड़क से संसद तक खड़ी है.