महाकुंभ, भगदड़ और सियासी उबाल… व्यवस्था पर सवाल, 18 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन?

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के हादसे ने पूरे देश को दहलाकर रख दिया है. हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि उन लोगों का क्या कसूर है, जो आस्था के महाकुंभ में जाने के लिए निकले थे और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सिस्टम की लापरवाही और मौत की भगद़ड़ का शिकार हो गए. इस हादसे में 18 लोगों की मौत हुई है, कई घायल हैं. यकीनन दलीलें भी दी जाएंगी, सफाई भी पेश की जाएगी, लेकिन सवाल ये है कि 18 लोग जो बेमौत मारे गए हैं, उनकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा?

इस हादसे के बाद कुछ सवाल उठ रहे हैं. जैसे- इतना बड़ा हादसा कैसे हुआ, इसका ज़िम्मेदार कौन है? क्या है दो ट्रेनों के अनाउंसमेंट की इनसाइड स्टोरी? प्लेटफॉर्म नंबर 14, 16 और 12 पर कंफ्यूजन क्यों हुआ? 

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मौत की भगदड़ आखिर कैसे हो गई, ये सोचकर ही पूरा देश परेशान है. महाकुंभ में हुए हादसे का दर्द अभी साल ही रहा है, अब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई, हादसा हुआ है, तो सवाल भी उठेंगे. नई दिल्ली स्टेशन पर जब ये हादसा हुआ, तो मंजर बेहद खौफनाक था. भगदड़ के बाद कुछ यात्री बेहोशी की हालत में दिखे, तो कुछ बेहाल होकर अपने परिजन को खोजते दिखे. 

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हादसे के बाद दिखा रोंगटे खड़े कर देने वाला मंजर

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 9 बजकर 26 मिनट पर भगदड़ मची  थी, उसके बाद जो मंजर दिखा, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ जाने के लिए स्टेशन पर शाम 4 बजे से भीड़ जुटने लगी थी, भीड़ में कुछ लोग बच्चों को भी साथ में लेकर आए थे., ये लोग नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर इंतज़ार कर रहे थे, भीड़ का दबाव बढ़ता जा रहा था. इसी से सटे प्लेटफॉर्म नंबर 13 पर दरभंगा जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के लिए भी भीड़ जुट रही थी. 13 और 14 नंबर प्लेटफॉर्म पर तिल रखने की भी जगह नहीं थी. हालात आउट ऑफ कंट्रोल थे, अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि घंटेभर में 1500 सामान्य टिकटों की बिक्री हो गई. पूरी की पूरी भीड़ प्लेटफॉर्म नंबर 13-14 पर पहुंच गई. 

प्लेटफॉर्म-14 के यात्री प्लेटफॉर्म-16 की तरफ भागे

इसी बीच रेलवे स्टेशन पर घोषणा हुई कि प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर प्रयागराज से नई स्पेशल ट्रेन आ रही है, फिर क्या था. भीड़ को लगा कि यही ट्रेन प्रयागराज के लिए वापसी करेगी. स्पेशल ट्रेन की घोषणा सुनते ही सामान्य श्रेणी का टिकट लेने वाले यात्री प्लेटफॉर्म नंबर 14 से प्लेटफॉर्म नंबर 16 की तरफ भागने लगे. 

फुटओवर ब्रिज पर बैठे लोग भीड़ की चपेट में आ गए

ये भीड़ फुटओवर ब्रिज से होकर प्लेटफार्म 16 की तरफ जाना चाहती थी, लेकिन फुटओवर ब्रिज पर पहले से बड़ी संख्या में लोग बैठे हुए थे. उसी भीड़ की चपेट में फुटओवर ब्रिज पर बैठे कुछ लोग आ गए, वो दब गए और इसके बाद भगदड़ की स्थिति बन गई. देखते ही देखते 18 लोगों की मौत हो गई. शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मौत की भगदड़ मचने के कुछ ही घंटे में अधिकारी रेलवे स्टेशन से लेकर अस्पताल तक सुरक्षा घेरा बनाकर चौक चौबंद व्यवस्था दिखाने में जुट गए, लेकिन सवाल ये है कि हर बार ये नींद मौतों के बाद ही क्यों टूटती है? 

भगदड़ को लेकर उठ रहे सवाल

अब इस हादसे पर सवाल भी उठ रहे हैं, सवाल यही कि जब रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ थी, तो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का पूरा सिस्टम क्या कर रहा था? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जब शनिवार रात मौत की भगदड़ मची, उसके फौरन बाद आजतक की टीम रेलवे स्टेशन पर पहुंची. ये समझने और जानने के लिए कि आखिर इतना बड़ा हादसा क्यों और कैसे हुआ. 

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रेलवे ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश

इतना बड़ा हादसा होने के बाद रेलवे ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन हमें इस हादसे की जड़ में जाना होगा. क्यों रेलवे स्टेशन पर जब भयंकर भीड़ जमा थी, तो प्लेटफॉर्म बदला गया. रेलवे पहले कहता रहा कि कोई भगदड़ नहीं हुई, फिर भगदड़ जैसी स्थिति की बात कही जाती रही, क्या रेल प्रशासन अपनी लापरवाही पर मिट्टी डालने की कोशिश करता रहा? जिसे बाद में मानना पड़ा कि भगदड़ में मौत हुई है और उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया गया. अब ये जांच क्या उन सवालों का जवाब भी खोजेगी, जिससे पता चले कि आखिर देशभर में कुंभ का पर्याप्त इंतजाम करने का दावा करने वाला रेलवे देश की राजधानी के स्टेशन पर भगदड़ क्यों नहीं रोक पाया?

लगातार बढ़ती भीड़ पर किसी का ध्यान क्यों नहीं गया?

सवाल ये भी है कि क्या रेलवे को पता भी नहीं था कि कितनी भीड़ स्टेशन पर मौजूद है? दावे तो पर्याप्त इंतजाम के किए जाते रहे, तो लोगों को संभाल क्यों नहीं पाए? क्या नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोगों को संभालने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी? क्या रेलवे को पता नहीं था कि 2 वीकेंड से बहुत सारे लोग कुंभ के लिए प्रयागराज जा रहे हैं? क्या रेलवे प्रशासन देश की राजधानी के स्टेशन पर ही हजारों लोगों को संभालने में सक्षम नहीं था? क्या ऐसी व्यवस्था नहीं होनी चाहिए थी जिससे प्लेटफॉर्म पर भगदड़ ही ना मचती? दो वीकेंड से कुंभ जाने वालों की भीड़ हो रही थी, पर स्टेशन प्रशासन ने क्या कोई कंट्रोल रूम नहीं बनाया? कंट्रोल रूम बनाया था तो क्या प्लेटफॉर्म की क्षमता मुताबिक लोगों को नियंत्रित नहीं कर पाए? दावा है कि शनिवार को भी शाम 7 बजे से भीड़ बढ़ने लगी थी, लेकिन क्या किसी ने ध्यान नहीं दिया. 

विपक्ष का सरकार पर तीखा हमला

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसके लिए रेलवे की नाकामी और सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. पूर्व रेल मंत्री लालू यादव ने कहा कि रेलवे की कुव्यवस्था की वजह से यह घटना हुई है. उन्होंने कहा कि रेलवे को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. वहीं, राहुल गांधी ने सरकार पर बरसते हुए कहा कि यह घटना एक बार फिर रेलवे की नाकामी और सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती है. यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सरकार पर बरसते हुए कहा है कि भाजपा सरकार मौत का सच छुपाने का पाप न करे.



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