कर्नाटक के मांड्या में गणेश विसर्जन के दौरान 11 सितंबर को हुई हिंसा और आगजनी के मामले में पुलिस अब तक 52 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इसी बीच, सोशल मीडिया पर पुलिस वैन में रखी गणेश भगवान की मूर्ति की कुछ तस्वीरें वायरल हो गई हैं. इनके साथ दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक सरकार ने गणेश पूजा पर रोक लगा दी. इनमें से एक फोटो में किसी पुलिसकर्मी को गणेश भगवान की मूर्ति उठा कर पुलिस वैन की ओर ले जाते हुए देखा जा सकता है.
कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का आरोप है कि पुलिस ने गणेश चतुर्थी के बाद विसर्जन करने जा रहे भक्तों को रोका, और उनके पास मौजूद भगवान की मूर्ति को गिरफ्तार कर लिया. फोटो शेयर करने वाले लोग गणेश पूजा पर इस तरह रोक लगाए जाने के लिए, कांग्रेस को वोट देने वाले हिंदुओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
फेसबुक पर ये तस्वीरें शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “इस दृश्य से मन काफी व्यथित हुआ. कर्नाटक पुलिस द्वारा गणेश चतुर्थी के बाद विषर्जन के लिए जाते समय में भक्तो को रोकने के लिए पुलिस ने गणेश जी के मूर्ति को ही हिरासत में ले लिया और अपमान की भावना से गणेश जी के मूर्ति को पुलिस वैन में बिठाकर मुजरिमों जैसा गिरफ्तार करके ले जाया गया. देखो हिन्दुओं तुम्ही ने कांग्रेस जैसे भगवान और हिन्दू विरोधी पार्टी को वोट दिया था, देखो आज वो दृश्य भी देखने को मिला जो हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते. हाथ जोड़के विनती है की मत करो ऐसे संगठन का समर्थन जिससे तुम्हारा देश और धर्म दोनो समाप्त हो जाए.”
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये तस्वीरें बेंगलुरू में पुलिस की इजाजत के बगैर हुए एक प्रदर्शन के दौरान की हैं, जहां लोग गणेश भगवान की मूर्ति लेकर पहुंचे थे. प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में लेते वक्त, पुलिस ने उनसे मूर्ति लेकर अपनी वैन में रख ली थी.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
कीवर्ड सर्च की मदद से हमें वायरल तस्वीरों से जुड़ी कई खबरें मिलीं. इनके मुताबिक ये घटना 13 सितंबर को कर्नाटक के बेंगलुरू में हुई थी. दरअसल, मांड्या में हुई सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए कुछ लोग बेंगलुरू के टाउन हॉल पहुंचे थे. इनमें से एक शख्स करीब 1-फुट लंबी गणेश भगवान की मूर्ति लेकर आया था. बिना इजाजत के प्रदर्शन करने पहुंचे इन लोगों को जब पुलिस हिरासत में लेने आई, तो एक पुलिसकर्मी ने गणेश भगवान की मूर्ति उठाकर पुलिस वैन में रख दी.
पत्रकार यासिर मुश्ताक के 13 सितंबर के एक ट्वीट में हमें इस घटना से संबंधित कुछ वीडियो मिले. इनमें पुलिस वैन के पास लगे नीले बोर्ड पर ‘Sir. Puttanna Chetty Town Hall’, जेसी रोड, बेंगलुरू लिखा हुआ है.
Members of Hindu Organisations protesting against Mandya Violence in Bengaluru, brought Ganesh Ji’s idol as well with them.. Police detained protestors and took away the Idol of Ganpati Ji.. pic.twitter.com/JZU00VLkIP
— Yasir Mushtaq (@path2shah) September 13, 2024
खबरों के मुताबिकशहर के नियमों के अनुसार बेंगलुरू में लोगों को केवल फ्रीडम पार्क में प्रदर्शन करने की अनुमति है. ऐसे में जब लोग टाउन हॉल में इकट्ठा हो गए तो पुलिस ने प्रदर्शन करने वाले करीब 40 लोगों को हिरासत में ले लिया. ये प्रदर्शन बेंगलुरू महानगर गणेश उत्सव समिति के सदस्यों ने किया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी मांग थी कि मांड्या में हुई हिंसा की जांच एनआईए से कराई जाए और सभी दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए.
आजतक संवाददाता सगाय राज ने हमें विश्व हिन्दू परिषद के नेता शशिकांत शर्मा का एक वीडियो भेजा. शशिकांत इस प्रदर्शन का आयोजन करने वालों में से एक हैं. वीडियो में वो खुद बताते हैं कि कैसे टाउन हॉल में विरोध प्रदर्शन के दौरान ये घटना हुई थी.
हमने बेंगलुरू के डीसीपी (सेंट्रल) Shekhar H Tekkannavar से भी इस घटना को लेकर बात की. उन्होंने इस बात की पुष्टि कि पुलिस ने लोगों को विसर्जन करने के लिए नहीं, बल्कि अनुमति लिए बिना प्रदर्शन करने की वजह से हिरासत में लिया था.
डीसीपी शेखर ने बताया कि बेंगलुरू टाउन हॉल पर कुछ लोग मांड्या मामले को लेकर प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए थे. बगैर इजाजत प्रदर्शन करने के चलते पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इसके बाद 5 से 10 लोग गणेश भगवान की मूर्ति लेकर उसी जगह पहुंच कर प्रदर्शन करने लगे. प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पुलिस उन लोगों को भी हिरासत में लेने पहुंची. इस दौरान गणेश भगवान की मूर्ति को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस ने उसे अपनी गाड़ी में रख लिया. बाद में पुलिस ने इस मूर्ति को विसर्जित कर दिया.
साफ है, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने गणेश पूजा पर रोक नहीं लगाई है, वायरल तस्वीरें एक प्रदर्शन की हैं.