पराक्रम को सलाम… IAF के 4 रणबांकुरों की कहानी, जिन्होंने जान पर खेलकर बचाई लोगों की जिंदगी, अब शौर्य चक्र से सम्मानित

राष्ट्रपति भवन में 22 मई को रक्षा अलंकरण समारोह 2025 के प्रथम चरण का आयोजन हुआ. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को चार मरणोपरांत सहित 6 कीर्ति चक्र और सात मरणोपरांत सहित 33 शौर्य चक्र प्रदान किए. शौर्य चक्र से सम्मानित होने वाले सैन्य कर्मियों में चार भारतीय वायु सेना से भी हैं, जिनकी वीर गाथा युवाओं को प्रेरणा देने वाली है. विंग कमांडर वर्नोन डेसमंड कीन को एक उड़ान के दौरान लड़ाकू विमान के ऑयल सिस्टम में अचानक आई खराबी और दोनों इंजन बंद होने के बावजूद सुरक्षित लैंडिंग के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. 

स्क्वाड्रन लीडर दीपक कुमार को रात के समय एक उड़ान के दौरान चिड़िया के टकराने से लड़ाकू विमान के इंजन में आग लगने के बावजूद सेफ लैंडिंग के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. भारतीय वायुसेना (IAF) के दो अन्य कर्मियों- कॉर्पोरल डाभी संजय हिफ्फाबाई और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. संजय हिफ्फाबाई ने गोली लगने के बावजूद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले को नाकाम कर दिया, और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस, जिन्होंने रात के ऑपरेशन के दौरान 28,000 फीट की ऊंचाई पर अपने मिग-29 विमान के कैनोपी के उड़ जाने के बाद उसे उतारने में असाधारण साहस दिखाया. 

भारतीय वायु सेना (IAF) ने भी अपने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से एक पोस्ट करके इन चारों वायु योद्धाओं की वीर गाथा का विवरण दिया है, जिसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. वायु सेना ने बताया कि विंग कमांडर वर्नोन कीन को एक लड़ाकू विमान पर उड़ान के दौरान ऑयल सिस्टम में आपातकालीन खराबी का सामना करना पड़ा, जिसके कारण दोनों इंजनों को बंद करना पड़ा. दोनों इंजन खोने के बावजूद, उन्होंने उत्कृष्ट उड़ान कौशल का प्रदर्शन किया, विमान को नियंत्रित किया और उसे रिहायशी इलाकों से दूर ले गए. इस प्रक्रिया में वह विमान के एक इंजन को स्टार्ट करने में सफल रहे और इस प्रकार बहुमूल्य राष्ट्रीय संपत्ति को बचाया तथा जान-माल की हानि को रोका.

भारतीय वायु सेना के मुताबिक स्क्वाड्रन लीडर दीपक कुमार, ट्रेनी पायलट के साथ एक इंस्ट्रक्शनल नाइट सॉर्टी (रात के समय प्रशिक्षण उड़ान ) पर थे, जब पक्षी के टकराने से लड़ाकू विमान के इंजन में आग लग गई. रात्रि में सीमित विकल्प उपलब्ध होने के बावजूद उन्होंने असाधारण निर्णय और उत्कृष्ट उड़ान कौशल का परिचय दिया और विमान को रनवे पर उतारने में सफल रहे, जबकि रनवे पर लैंडिंग का का निर्णय लेते समय वह केवल जमीन से 1000 फीट की ऊंचाई पर थे. जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली स्थिति में विमान को सुरक्षित रूप से लैंड कराकर उन्होंने बहुमूल्य राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की तथा जान-माल की हानि को रोका.

इंडियन एयर फोर्स ने बताया कि मार्च 2024 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस अंधेरी रात में लड़ाकू विमान पर लंबी दूरी की फेरी मिशन पर थे. 28,000 फीट की ऊंचाई पर, कॉकपिट में अचानक विस्फोट हुआ, जिससे विमान का हेड-अप डिस्प्ले और विजुअल फ्लाइट रिफरेंसेज बंद हो गए. गंभीर और जानलेवा स्थिति के बावजूद, उन्होंने असाधारण धैर्य बनाए रखा, शीघ्रता से विमान पर नियंत्रण प्राप्त किया, आपातकालीन प्रक्रियाएं शुरू कीं और विमान को निकटतम बेस पर सुरक्षित रूप से उतारा. इस प्रकार उन्होंने विमान और जमीन पर मौजूद बहुमूल्य जीवन को नुकसान होने से बचाया.

आईएएफ ने बताया कि कॉर्पोरल (अब सार्जेंट) डाभी संजय हिफ्फाभाई ने मई 2024 में एक आतंकवादी हमले के दौरान असाधारण धैर्य और सामरिक जागरूकता का परिचय दिया. गोली लगने के कारण अत्यधिक रक्तस्राव और अपने घावों की गंभीरता से विचलित हुए बिना, उन्होंने रणनीतिक रूप से अपनी स्थिति को मजबूत किया, कवर लिया और अपने व्यक्तिगत हथियार से दुश्मन पर हमला किया. इस प्रकार उन्होंने अपनी टीम के सदस्यों के बहुमूल्य जीवन की रक्षा की.
 





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