जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है. जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे. 18 और 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. जबकि 4 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले जनता का मूड भांपने के लिए आजतक ने ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वे किया. ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वे के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के 47 फीसदी लोगों का कहना है कि बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है.
पीएम के रूप में 40 फीसदी की पहली पसंद मोदी
वहीं 11 फीसदी ने विकास, 17 फीसदी ने महंगाई, 4 फीसदी ने भ्रष्टाचार और दो-दो फीसदी लोगों ने कानून और विकास को सबसे बड़ा मुद्दा माना है. जम्मू-कश्मीर में 40 फीसदी लोगों की प्रधानमंत्री के तौर पर पहली पसंद पीएम नरेंद्र हैं.
वहीं 38 फीसदी जनता की पीएम के रूप में पहली पसंद राहुल गांधी हैं. बता दें कि आजतक का MOTN सर्वे 15 जुलाई से 10 अगस्त के बीच किया गया था. ये सर्वे 1,36, 463 लोगों के बीच किया गया था.
10 साल पहले हुआ था आखिरी विधानसभा चुनाव
जम्मू और कश्मीर में 2014 के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा. 2014 में सूबे की 87 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले गए थे. तब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. वहीं, बीजेपी को 25 सीटों पर जीत मिली थी. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं.
चुनाव नतीजों में कोई भी दल बहुमत के लिए तब जरूरी 44 सीट के जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंच सका था. चुनाव नतीजों के ऐलान के बाद पहले और दूसरे नंबर पर रही पार्टियों पीडीपी और बीजेपी ने गठबंधन कर सरकार मुफ्ती मोहम्मद सईद की अगुवाई में सरकार बनाई थी.
मिलकर चुनाव लड़ेंगे कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और J-K नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रेसीडेंट फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को ही कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. अनुच्छेद 370 हटाए जाने और केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद यह जम्मू-कश्मीर में पहला विधानसभा चुनाव है.