कोलकाता कांड पर सुनवाई के दौरान CJI ने पूछा- जब 4447 CCTV कैमरे लगे थे, तो फिर यह घटना क्यों हुई?

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डॉ. न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े मामले पर कहा कि इमरजेंसी वार्ड में सीआईएसएफ (CISF) बिना पर्याप्त सुरक्षा जांच के किसी को न जानें दे. साथ ही उन्होंने आदेश दिया कि सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म्स से पीड़िता या उसके शव के फोटोग्राफ तत्काल प्रभाव से हटाए जाएं. सोमवार को सीजेआई ने इस मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई की.

इस संबंध में याचिकाकर्ता ने कहा कि सभी कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएं. कोई भी घटना हो तो फौरन अलार्म बज जाए. कोई भी घटना होने पर कॉलेज प्रबंधन फौरन शिकायत एफआईआर दर्ज कराएं. पुलिस स्टेशन पहुंचने के साधन हों.

सरकार की तरफ से पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि हम इस पर काम कर रहे हैं. इस बात पर सिब्बल ने अपनी रिपोर्ट का हवाला भी दिया. सरकार की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए सीजेआई ने कहा कि आपके मुताबिक 4447 सीसीटीवी कैमरे लगे थे. अगर इतने कैमरे लगे थे तो फिर यह घटना क्यों हुई? आरजी कर मेडिकल कॉलेज के मामले में हमें बताएं कि क्या उपकरण लगाए गए हैं? सिर्फ फंड के बारे मे बताने से काम नहीं होगा. बल्कि ये बताएं कि क्या प्रगति हुई?

कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य में हर जगह प्रदर्शन हो रहा है. 41 पुलिस वाले घायल हो गए हैं. बिना पुलिस की इजाजत के प्रदर्शन हो रहे हैं. डॉक्टर्स की वकील गीता लूथरा ने कहा कि सीनियर डॉक्टर ड्यूटी पर हैं. मेडिकल छात्र और जूनियर डॉक्टर ही हड़ताल पर हैं. क्योंकि उनकी जान को खतरा है.

सीजेआई ने कहा है कि डॉक्टर अपने काम पर लौट जाएं. उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी. हम उनके लिए उपाय कर रहे हैं. वो नहीं लौटे तो हम राज्य सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करने से किस आधार पर रोक सकेंगे?

वकील गीता लूथरा ने कहा कि जूनियर डॉक्टर अस्पताल कॉलेज के अंदर सुरक्षित वातावरण न होने की वजह से इमारत के अंदर ड्यूटी नहीं करना चाहते. वो बाहर कैंप लगाकर अपनी ड्यूटी करने को तैयार हैं. अंदर उनके शौचालय, रेस्ट रूम और सुरक्षा की अन्य सुविधाएं नहीं हैं.

इसके बाद सीजेआई ने अपने आदेश में कहा कि आंदोलनकारी डॉक्टर शीघ्र ड्यूटी पर लौट जाएं. वरना अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी. कोर्ट ने डॉक्टर्स की सुरक्षा और संरक्षा के लिए समुचित उपाय करने का आदेश दिया है. 

पश्चिम बंगाल सरकार ने कोर्ट को बताया कि डॉक्टर अभी भी हड़ताल पर हैं. अब तक 6 लाख लोग इलाज से महरूम हैं. लोग इलाज के अभाव मे मर रहे हैं. इलाज के अभाव में 23 मरीजों की मौत हो चुकी है.

डॉक्टर्स की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि कोई सीनियर डॉक्टर हड़ताल पर नहीं है. हां, जूनियर डॉक्टर अभी भी काम पर नहीं लौटे हैं. क्योंकि वो डरे हुए हैं. उन्हें थ्रेट मिल रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा को सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर हल करें. मंगलवार शाम 5 बजे तक सरकार डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई ना करे. मंगलवार शाम पांच बजे से पहले डॉक्टर काम पर लौट जाएं. 

देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को डॉक्टरों के मन में यह भरोसा पैदा करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि उनकी सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं का उचित तरीके से शीघ्र समाधान किया जाएगा. पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक परिस्थितियां बनाई जाएं.

जब कोर्ट ने कहा कि सरकार सुनिश्चित करे कि आंदोलन कर रहे डॉक्टर्स के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करें तो कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे पास फोटोग्राफ हैं, जिसमें वो छात्र पथराव कर रहे हैं.

सीजेआई ने कहा कि हमने दो दिन का समय दिया है. युवा डॉक्टरों को अब अपने काम पर लौटना चाहिए. हम जानते हैं कि ज़मीन पर क्या हो रहा है! आप पहले काम पर लौटें. ज़िला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. आपको अब काम पर लौटना होगा. अगर आप काम पर नहीं आते हैं तो आपके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए किसी को ज़िम्मेदार न ठहराएं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि वरिष्ठ लोग काम कर रहे हैं इसलिए हम नहीं करेंगे. डॉक्टरों का समाज के प्रति कर्तव्य बनता है.



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