शेयर बाजार में 92 लाख करोड़ साफ, टूटा 30 साल पुराना रिकॉर्ड… अब आगे क्‍या?

भारतीय शेयर बाजार में आज बड़ी गिरावट ने करीब 30 साल पुराना रिकॉर्ड भी ध्‍वस्‍त कर दिया है. निवेशकों में अब और डर बन गया है कि आखिर अब आगे क्‍या होगा? अक्टूबर 2024 से निफ्टी हर महीने गिरावट में बंद हुआ है. ये 5 महीने में 12% गिर चुका है. 1996 के बाद यह पहली बार है कि बाजार में लगातार पांचवें महीने गिरावट रही है. इससे पहले 1996 में जुलाई से लेकर नवंबर महीने के बीच बाजार में लगातार 5 महीने गिरावट आई थी. उस समय निफ्टी 50 इंडेक्‍स 26 फीसदी टूटा था. 

बीते पांच महीने के दौरान Sensex 11.54 फीसदी टूट चुका है, जबकि निफ्टी 12.65 फीसदी गिरा है. BSE मिडकैप की बात करें तो यह 20 फीसदी से ज्‍यादा और बीएसई स्‍मॉलकैप 22.78 फीसदी गिरा है. 

पिछले पांच महीने के दौरान गिरावट के कारण बीएसई मार्केट कैपिटलाइजेशन में भी हैवी गिरावट हुई है. यानी निवेशकों का वैल्‍यूवेशन काफी कम हुआ है. बीएसई सेंसेक्स में कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) 26 सितंबर, 2024 से लगभग 25 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है, जब इंडेक्‍स का मार्केट वैल्‍यूवेशन लगभग 171 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया था. दूसरी ओर, इसी अवधि के दौरान ओभर ऑल बीएसई-लिस्‍टेड फर्मों का कुल मार्केट वैल्‍यूवेशन लगभग 92 लाख करोड़ रुपये कम हुआ है. 

BSE के इन शेयरों ने दिया ज्‍यादा दर्द 
बीएसई के टॉप 30 में से 28 शेयरों ने ज्‍यादा दर्द दिया है. 35% की गिरावट के साथ टाटा मोटर्स (Tata Motors Share) टॉप पर है. इसके बाद एशियन पेंट्स (32% नीचे), पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (30% नीचे) और इंडसइंड बैंक (28% नीचे) का स्थान रहा है. दूसरी ओर, बजाज फाइनेंस और कोटक महिंद्रा बैंक ने 26 सितंबर, 2024 और 27 फरवरी, 2025 के दौरान 12% और 2.3% की बढ़त हासिल की. 

गिरावट के क्‍या रहे हैं बड़े कारण? 
मार्केट एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा भारी बिकवाली, अमेरिकी बांड पर बढ़ती आय, रुपए में भारी गिरावट, तीसरी तिमाही के आय में सुस्ती और हाई वैल्‍यूवेशन ने हाल के महीनों में बाजार की धारणा को प्रभावित किया है. वहीं अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की ओर से लिए गए टैरिफ को लेकर फैसले ने बाजार की दिशा-दशा बदली है. 

क्‍या मार्च में भी रहेगी गिरावट? 
ऐतिहासिक रूप से मार्च का महीना तेजड़ियों के पक्ष में रहा है, यानी मार्च में शेयर बाजार अक्‍सर तेजी में रहा है. पिछले 15 सालों में बेंचमार्क इंडेक्‍स ने 10 बार पॉजिटिव रिटर्न दिया है और निवेशकों की कमाई कराई है. 30 साल पहले ही मार्च के दौरान तेजी रही थी. 

एक्‍सपर्ट्स का क्‍या है मानना? 
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि मार्च में बेहतर मैक्रो न्यूज फ्लो और FII की धीमी बिक्री के कारण भारतीय बाजार में सुधार देखने को मिल सकता है. चूंकि लार्जकैप वैल्यूएशन उचित है, इसलिए FII की ओर से पिछले कुछ महीनों के दौरान आक्रामक तरीके से बिक्री करने की संभावना नहीं है. उन्‍होंने कहा कि लंबी अवधि के नजरिए के हिसाब से अच्‍छे शेयरों को खरीद सकते हैं.

वित्त वर्ष 26 में भारतीय इक्विटी बाजारों के लिए जोखिम और चुनौतियों पर अपने विचार साझा करते हुए केनेथ एंड्रेड, सीआईओ ओल्ड ब्रिज म्यूचुअल फंड और संस्थापक, निदेशक ओल्ड ब्रिज कैपिटल मैनेजमेंट ने कहा कि भारत की विकास संभावनाएं आशाजनक हैं, जोखिम भी हैं. 

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषक नागराज शेट्टी को निकट भविष्य में बाजार में और कमजोरी नजर आ रही है. शेट्टी ने कहा, निफ्टी शॉर्ट टर्म में और गिरावट की उम्‍मीद  की जा सकती है. 22400 (20 महीने की EMA) के सपोर्ट से नीचे जाने के बाद, निफ्टी अब आने वाले सप्ताह में 21800-21700 के स्तर (मार्च-अप्रैल 24 के स्विंग लो) के अगले निचले सपोर्ट तक गिर सकता है. 

HDFC सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा कि निफ्टी के लिए सपोर्ट 22,000-22,050 की सीमा में होने की उम्मीद है, जिसके नीचे यह 21,777 के समर्थन स्तर तक गिर सकता है. ऊपर की ओर, 22500 के करीब 5-दिवसीय ईएमए प्रतिरोध के रूप में काम कर सकता है.

आज कहां बंद हुआ बाजार? 

Nifty आज 420 अंक टूटकर 22124 पर बंद हुआ. जबकि सेंसेक्‍स में 1414 अंकों की गिरावट आई और यह 73198 पर क्‍लोज हुआ. वहीं निफ्टी बैंक 400 अंक गिरकर 48344 पर क्‍लोज हुआ. बीएसई के टॉप 30 शेयरों में से 29 शेयर गिरे, जिसमें सबसे ज्‍यादा टेक महिंद्रा के शेयर 6 फीसदी से ज्‍यादा टूटे. वहीं 1.86 फीसदी की तेजी एचडीएफसी बैंक में रही. 

(नोट- मौजूदा शेयर बाजार में किसी भी तरह के शेयर खरीदने या बेचने से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)



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